परमेश्वर के वचनों का एक भजन I एकमात्र सच्चा परमेश्वर जो करता है प्रशासित ब्रह्मांड की सभी चीज़ों को —सर्वशक्तिमान मसीह! है यही साक्ष्य पवित्र आत्मा का। हर जगह गवाही देने के लिए वह काम कर रहा है, तो किसी को नहीं होगा संदेह। विजयी महाराज, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, संसार पर विद्यमान हो गया है। वह
परमेश्वर ने बनाया सब कुछ, और इसलिए वह सृष्टि को लेता है, अधीन अपने, और झुकाता आगे अपने प्रभुत्व के। आदेश वो देता है सब को, हाथों में लेकर नियंत्रण। जीव-जंतु, पहाड़, नदी, और मानव को अधीन उसके आना होगा। चीज़ें जो आसमाँ और धरती पर हैं, परमेश्वर के प्रभुत्व के अधीन सभी को आना
I नया यरूशलेम स्वर्ग से उतर रहा है। परमेश्वर के लोग वापस आ रहे हैं सिंहासन के सामने। वे राज्य के राजा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, की करते हैं आराधना। पूरा ब्रह्मांड भरा है महिमामय स्तुति से। मनुष्य का पुत्र धरती पर आता है, और वचन देह में प्रकट होकर, पुराने युग का अंत लाता है। अनिश्चितता
धन्य हैं वो सब जो करते हैं पालन, पवित्र आत्मा के आज के कथनों का। नहीं फ़र्क पड़ता कि वे कैसे हुआ करते थे, या पवित्र आत्मा उनमें कैसे काम किया करता था धन्य हैं वे ज़्यादा सबसे, जिन्होंने पा लिया है नवीनतम कार्य, और जो नाकाम हैं नवीनतम कार्य का, पालन कर पाने में,
प्रार्थना के दौरान तुम्हारा दिल, ईश्वर के समक्ष, होना चाहिए शांत, और तुम्हारा दिल होना चाहिए खरा। जब ईश्वर से प्रार्थना करो उससे करो वार्तालाप। न धोखा दो उसको उन वचनों से जो सिर्फ मीठी हों। परमेश्वर के समक्ष तुम्हारा दिल ख़ामोशी से रहेगा। और तुम्हारे लिए निर्धारित वातावरण में, तुम खुद को जानोगे और
परमेश्वर के वचनों का एक भजन आशीषित हैं वो जो करते हैं परमेश्वर से प्रेम जो करें परमेश्वर से प्रेम,दे सकते वही उसकी गवाही,पा सकते हैं वही उसका आशीष,पा सकते हैं वही उसकी प्रतिज्ञा। जो करें परमेश्वर से प्रेम होते हैं वही उसके विश्वासपात्र,जो करें परमेश्वर से प्रेम होते हैं वही उसके विश्वासपात्र,साझा कर सकते
परमेश्वर के वचनों का एक भजन सबकुछ परमेश्वर के हाथ में है ईश्वर ने कभी कहा था: जो भी ईश्वर कहे,वो ज़रूर पूरा होगा,उसे कोई बदल नहीं सकता। चाहे उसके वचन पहले कहे गए हों,या अभी कहे जाने हों,वे सभी पूरे होंगे,ताकि सभी देख सकें। ईशवचनों और कार्य के पीछे यही सिद्धांत है। ब्रह्मांड में
ला …लालाला … लालाला…. ला … लालाला … लालाला … ला…. पूरब से निकल रहा सूरज धार्मिकता का। ओ परमेश्वर! तेरी महिमा फैली स्वर्ग और पृथ्वी पर। सुंदर परमेश्वर, मेरे दिल को घेरे है तेरा प्यार। जो चाहते हैं सत्य, वो करते परमेश्वर से प्यार। चाहे मैं सुबह जागूँ अकेले, मुझे मिलता आनंद परमेश्वर के
भाइयो और बहनो, हम आ गये हैं परमेश्वर के सामने। उसके वचनों को खाना और पीना, कितना आनंद देता है। हमारी सत्य की समझ की गहराई की, परमेश्वर परवाह करता नहीं, वो तो हमारे सच्चे शब्दों से प्रसन्न होता है। अपने अनुभव और जो सीखा उसे, हम साझा करते हैं, एक-दूसरे को सहारा देते, हाथों
परमेश्वर के वचनों का एक भजन I काम में, बर्ताव में अपने, व्यवहारिक होना, जो भी करो उसमें प्रार्थना से विमुख न होना, परमेश्वर के सम्मुख अक्सर आना, उससे दूर न जाना, यही हैं सबसे बुनियादी बातें। कितना ही विशाल हो जीवन और कद तुम्हारा, कितना ही प्रवेश कर चुके हो तुम सत्य की हकीकत
परमेश्वर देता है अपना सर्वोत्तम पक्ष। चीज़ें उत्तम, सर्वोत्तम चीज़ें देता है। I बिना बताये, दुखों को बिना दिखाए, सहता है परमेश्वर प्रतीक्षा में ख़ामोशी से। न असहाय न सुन्न, न यह चिन्ह कमज़ोरी का, ईश्वर का सार और उसका प्रेम सदा ही निस्वार्थ है। परमेश्वर देता है अपना सर्वोत्तम पक्ष। चीज़ें उत्तम, सर्वोत्तम चीज़ें
परमेश्वर के वचनों का एक भजन बेपर्दा हो चुके हैं रहस्य सारे I धार्मिकता का सर्वशक्तिमान परमेश्वर – सर्वशक्तिमान! कुछ भी छुपा नहीं है तुझसे, अनंत से अनंत तक हर रहस्य, जिसे प्रकट नहीं किया किसी इंसान ने, सब ज़ाहिर है, साफ है तेरे सामने। II ज़रूरत नहीं खोजने की, टटोलने की, क्योंकि ज़ाहिर है
परमेश्वर के वचनों का एक भजन Ⅰ कितने ही पतझड़ और वसंत के मौसम में, संग रहा है तुम्हारे परमेश्वर। अरसे तक साथ रहा है तुम्हारे परमेश्वर। गुज़रे कितने दुष्कर्म तुम्हारे, उसकी आँखों के आगे से? दिल को छू लेने वाले शब्द तुम्हारे, गूँजें कानों में परमेश्वर के। गिनी नहीं जा सकती, उसकी वेदी पर
जब आप ईसाई फिल्म क्लिप 'परमेश्वर द्वारा बाढ़ से पृथ्वी का विनाश' देखेंगे तो आप परमेश्वर के पवित्र, धार्मिक स्वभाव और इंसान के लिये उसकी देखभाल और करुणा के बारे में जान पाएंगे और आप आपदाओं के बीच से होकर परमेश्वर के उद्धार को जाने वाले मार्ग से परिचित होंगे। साभार: https://www.holyspiritspeaks.org/special-topic/copyright.html
परमेश्वर के वचनों का एक भजन I परमेश्वर के विविध कार्यों से आता है, इन्सान के स्वभाव में बदलाव। इन बदलावों के बिना, मुमकिन नहीं इन्सान का परमेश्वर के हृदयानुसार बनना, और उसकी गवाही देना। इन्सान के स्वभाव में बदलाव दर्शाता है, शैतान और अँधेरे से वो मुक्त हुआ है। वो है सच में परमेश्वर
परमेश्वर के वचनों का एक भजन निम्नलिखित वचन को योना की पुस्तक 4:10-11 में दर्ज किया गया है: "तब यहोवा ने कहा, जिस रेंड़ के पेड़ के लिये तू ने कुछ परिश्रम नहीं किया, न उसको बढ़ाया, जो एक ही रात में हुआ, और एक ही रात में नष्ट भी हुआ; उस पर तू ने
परमेश्वर के वचनों का एक भजन सबकुछ परमेश्वर के हाथ में है ईश्वर ने कभी कहा था: जो भी ईश्वर कहे,वो ज़रूर पूरा होगा,उसे कोई बदल नहीं सकता। चाहे उसके वचन पहले कहे गए हों,या अभी कहे जाने हों,वे सभी पूरे होंगे,ताकि सभी देख सकें। ईशवचनों और कार्य के पीछे यही सिद्धांत है। ब्रह्मांड में
पूरब से निकल रहा सूरज धार्मिकता का। ओ परमेश्वर! तेरी महिमा फैली स्वर्ग और पृथ्वी पर। सुंदर परमेश्वर, मेरे दिल को घेरे है तेरा प्यार। जो चाहते हैं सत्य, वो करते परमेश्वर से प्यार। चाहे मैं सुबह जागूँ अकेले, मुझे मिलता आनंद परमेश्वर के शब्द पर लगाकर ध्यान। ये कोमल शब्द जैसे बोले गए एक
परमेश्वर के वचनों का एक भजन I परमेश्वर के विविध कार्यों से आता है, इन्सान के स्वभाव में बदलाव। इन बदलावों के बिना, मुमकिन नहीं इन्सान का परमेश्वर के हृदयानुसार बनना, और उसकी गवाही देना। इन्सान के स्वभाव में बदलाव दर्शाता है, शैतान और अँधेरे से वो मुक्त हुआ है। वो है सच में परमेश्वर