सृष्टि से ले कर अब तक, केवल अंत के दिनों में, ईश्वर ने देहधारण किया करने को कार्य इतना महान। इतना सहा दर्द, इतना नम्र वो है कि खुद इंसान बना। बावजूद इन सब के, उसके कार्य में न कोई देर। वो कर रहा है अब भी अपना कार्य अपनी योजना के अनुसार। ईश्वर के