Hindi Kahani - “ग़लती मेरी भी थी मौसी. आज मुझे अफ़सोस होता है कि मैंने उनकी मूक भाषा को कभी पढ़ने का प्रयास नहीं किया. यदि ये कहानियां पहले पढ़ ली होतीं, तो मैं बहुत पहले अपने प्रति उनके अटूट प्रेम व संवेदनाओं को समझ जाता.”