अलग-अलग भूमिकाओं में अपने को ढालना बांटना नहीं होता, बल्कि अपने वजूद को और मज़बूत बनाना होता है. मुझे ख़ुशी है कि तुमने सुख और संतोष के बीज अपने परिवार में अंकुरित किए हुए हैं. एक बार अपने दिल के दरवाज़े को खोलकर होंठों तक गीतों को आने दो, फिर देखना कैसे वे थिरकेंगे. हमारा प्यार जितना सच है, उतना ही सच तुम्हारा परिवार भी है.