परमेश्वर के वचनों का एक भजन I परमेश्वर के विविध कार्यों से आता है, इन्सान के स्वभाव में बदलाव। इन बदलावों के बिना, मुमकिन नहीं इन्सान का परमेश्वर के हृदयानुसार बनना, और उसकी गवाही देना। इन्सान के स्वभाव में बदलाव दर्शाता है, शैतान और अँधेरे से वो मुक्त हुआ है। वो है सच में परमेश्वर
परमेश्वर के वचनों का एक भजन सबकुछ परमेश्वर के हाथ में है ईश्वर ने कभी कहा था: जो भी ईश्वर कहे,वो ज़रूर पूरा होगा,उसे कोई बदल नहीं सकता। चाहे उसके वचन पहले कहे गए हों,या अभी कहे जाने हों,वे सभी पूरे होंगे,ताकि सभी देख सकें। ईशवचनों और कार्य के पीछे यही सिद्धांत है। ब्रह्मांड में
कुछ लोग स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने के लिए प्रभु की प्रतीक्षा करने के मामले पर पौलुस के कथन पर चलते हैं: "और यह क्षण भर में, पलक मारते ही अन्तिम तुरही फूँकते ही होगा, क्योंकि तुरही फूँकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाये जाएँगे, और हम बदल जाएँगे।" (1 कुरिन्थियों 15:52)। वे
I धर्मी सूरज जिस तरह उगता है, अंत के दिनों में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर पूरब में, उसी तरह प्रकट हुआ है; इंसान ने देखी है सच्ची रोशनी उभरते हुए। धर्मी और प्रतापी, प्रेमी और दयालु परमेश्वर दीनता से छिपकर इंसानों के बीच, सत्य प्रसारित कर रहा, बोल रहा और काम कर रहा है। सर्वशक्तिमान हमारे रूबरू
परमेश्वर के वचनों का एक भजन आशीषित हैं वो जो करते हैं परमेश्वर से प्रेम जो करें परमेश्वर से प्रेम,दे सकते वही उसकी गवाही,पा सकते हैं वही उसका आशीष,पा सकते हैं वही उसकी प्रतिज्ञा। जो करें परमेश्वर से प्रेम होते हैं वही उसके विश्वासपात्र,जो करें परमेश्वर से प्रेम होते हैं वही उसके विश्वासपात्र,साझा कर सकते
कई हज़ारों सालों से, मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता के आगमन को देखने में सक्षम होने की लालसा की है। मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता यीशु को एक सफेद बादल पर देखने की इच्छा की है जब वह व्यक्तिगत रूप से उन लोगों के बीच में अवरोहण करता है जिन्होंने हज़ारों सालों से उसकी अभिलाषा की है और उसके
कलीसिया का भजन I जय बोलें और आनंद करें! जय बोलें और आनंद करें! जय बोलें और आनंद करें! जय बोलें और आनंद करें! प्रिय है स्वभाव ईश्वर का। हम सबका है फ़र्ज़ गवाही दें, ईश्वर की जय बोलें। जय बोलें, जय बोलें। जय बोलें, जय बोलें। प्यारे भाइयो और बहनो, आपस में हम बेहद
I नया यरूशलेम स्वर्ग से उतर रहा है। परमेश्वर के लोग वापस आ रहे हैं सिंहासन के सामने। वे राज्य के राजा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, की करते हैं आराधना। पूरा ब्रह्मांड भरा है महिमामय स्तुति से। मनुष्य का पुत्र धरती पर आता है, और वचन देह में प्रकट होकर, पुराने युग का अंत लाता है। अनिश्चितता
परमेश्वर के वचनों का एक भजन I परमेश्वर ने बनायीं हैं जो सभी चीज़ें, चल-अचल सभी चीज़ें, जैसे मछली, पक्षी, फूल और पेड़-पौधे, पशुधन, जंगली जीव और कीड़े-मकौड़े, परमेश्वर की नज़रों में वे भले थे, थे परमेश्वर की नजरों में, उसकी योजना के हिसाब से अपनी पूर्णता की चोटी पे, परमेश्वर चाहता था जो, उस
परमेश्वर के वचनों का एक भजन Ⅰ कितने ही पतझड़ और वसंत के मौसम में, संग रहा है तुम्हारे परमेश्वर। अरसे तक साथ रहा है तुम्हारे परमेश्वर। गुज़रे कितने दुष्कर्म तुम्हारे, उसकी आँखों के आगे से? दिल को छू लेने वाले शब्द तुम्हारे, गूँजें कानों में परमेश्वर के। गिनी नहीं जा सकती, उसकी वेदी पर